जगदीश चंद्र बोस (Jagdish Chandra Bose) भारतीय वैज्ञानिक, अभियंता और शोधकर्ता थे, जिन्हें आधुनिक विज्ञान के कई क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उनका जन्म 30 नवम्बर 1858 को बांगलादेश के मंकीरपुर (जो अब बांगलादेश में स्थित है) में हुआ था। बोस का काम बोटनी, भौतिकी, और जीवविज्ञान में था, और उन्होंने जीवन और पदार्थ के बीच के संबंधों पर महत्वपूर्ण शोध किया।

प्रमुख योगदान:
- पौधों की प्रतिक्रिया पर शोध: बोस ने यह साबित किया कि पौधे भी जीवित होते हैं और बाहरी वातावरण से प्रतिक्रिया करते हैं। उन्होंने पौधों के विद्युत संवेदी गुणों और उनके संकेतों का अध्ययन किया। उनका यह शोध “प्लांट रिस्पॉन्स” के रूप में प्रसिद्ध है। वे पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने यह दिखाया कि पौधे भी दर्द महसूस कर सकते हैं और वे किसी प्रकार के उत्तेजना के प्रति प्रतिक्रिया करते हैं।
- विद्युत तरंगों का अध्ययन: बोस ने विद्युत तरंगों के प्रसारण पर भी महत्वपूर्ण कार्य किया। उन्होंने 1895 में रेडियो तरंगों के प्रसारण का सफलतापूर्वक प्रयोग किया, और इससे पहले कि गगनानन्द रेडियो का आविष्कार करते, बोस ने पहले ही इसे सिद्ध कर दिया था।
- बॉयलर और बायोलॉजिकल रिसर्च: बोस ने बॉयलर और बायोलॉजिकल रिसर्च के क्षेत्र में भी काम किया। उन्होंने बायोलॉजिकल इलेक्ट्रिसिटी के सिद्धांत को आगे बढ़ाया और यह स्थापित किया कि मनुष्य और जानवरों की तंत्रिका प्रणाली में विद्युत प्रवाह होता है।
- संवेदनशीलता परीक्षण: बोस ने अपने प्रयोगों में पौधों के संवेदनशीलता का परीक्षण करने के लिए एक विशेष यांत्रिक उपकरण की खोज की, जिसे उन्होंने “बोस ऑटोमेटिक रिस्पॉन्स रिकॉर्डर” नाम दिया।
- दृश्य यांत्रिकी और प्रकाश पर अनुसंधान: बोस ने प्रकाश और छायाओं के प्रसार पर भी गहन शोध किया। उन्होंने यह सिद्ध किया कि प्रकाश और विद्युत तरंगों के बीच संबंध है, और इनका व्यवहार एक जैसा होता है।
- शोध पत्र और किताबें: बोस ने कई शोध पत्र और किताबें प्रकाशित कीं, जिनमें “The Response of Plants to Stimuli” और “The Nervous Mechanism of Plants” प्रमुख हैं।
शिक्षा और करियर:
जगदीश चंद्र बोस ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कलकत्ता (अब कोलकाता) से प्राप्त की थी। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की और भौतिकी में शोध कार्य किया। वे भारतीय विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Science) के संस्थापक सदस्यों में से एक थे।
सम्मान और पुरस्कार:
बोस को उनके कार्यों के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए। 1903 में उन्हें “रॉयल सोसाइटी” का सदस्य चुना गया। इसके अलावा, 1917 में भारत सरकार द्वारा उन्हें नाइटहुड से सम्मानित किया गया। बोस को भारतीय विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए आज भी याद किया जाता है।
मृत्यु और धरोहर:
जगदीश चंद्र बोस का निधन 23 नवम्बर 1937 को हुआ। उनका काम और उनकी खोजें भारतीय विज्ञान और शोध के लिए प्रेरणा का स्रोत बनीं। उनका योगदान आज भी विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण माना जाता है।
उनकी धरोहर में उनके वैज्ञानिक अनुसंधान, प्रयोग, और उनके द्वारा स्थापित संस्थान शामिल हैं, जो भारतीय विज्ञान में उनकी स्थायी छाप छोड़ते हैं।
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जगदीश चंद्र बोस से संबंधित प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: जगदीश चंद्र बोस का जन्म कब और कहां हुआ?
उत्तर: जगदीश चंद्र बोस का जन्म 30 नवंबर 1858 को मयमनसिंह जिले के मंकीरपुर (अब बांग्लादेश में) में हुआ था।
प्रश्न 2: जगदीश चंद्र बोस को किस क्षेत्र में उनके योगदान के लिए जाना जाता है?
उत्तर: वे पौधों की संवेदनशीलता, रेडियो तरंगों के प्रसारण, और विद्युत तरंगों के अध्ययन के लिए प्रसिद्ध हैं।
प्रश्न 3: उन्होंने पौधों की संवेदनशीलता का अध्ययन कैसे किया?
उत्तर: उन्होंने एक उपकरण “क्रेस्कोग्राफ” का आविष्कार किया, जो पौधों की वृद्धि और उनकी प्रतिक्रिया को मापने में सक्षम था।
प्रश्न 4: क्या जगदीश चंद्र बोस ने रेडियो तरंगों पर कोई शोध किया था?
उत्तर: हां, 1895 में उन्होंने रेडियो तरंगों के प्रसारण का प्रदर्शन किया, जो कि गगनानंद रेडियो के आविष्कार से पहले हुआ था।
प्रश्न 5: जगदीश चंद्र बोस ने कौन-कौन सी किताबें लिखीं?
उत्तर: उनकी प्रमुख किताबें हैं:
- “The Response of Plants to Stimuli”
- “The Nervous Mechanism of Plants”
प्रश्न 6: उन्हें कौन-कौन से सम्मान प्राप्त हुए?
उत्तर:
- 1903 में रॉयल सोसाइटी के सदस्य बने।
- 1917 में उन्हें नाइटहुड की उपाधि से सम्मानित किया गया।
प्रश्न 7: उनकी मृत्यु कब हुई?
उत्तर: उनकी मृत्यु 23 नवंबर 1937 को हुई।
प्रश्न 8: जगदीश चंद्र बोस का विज्ञान में सबसे बड़ा योगदान क्या था?
उत्तर: उनका सबसे बड़ा योगदान यह सिद्ध करना था कि पौधे भी संवेदनशील होते हैं और उत्तेजनाओं के प्रति प्रतिक्रिया करते हैं।
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