महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) में एक बार फिर बड़ा उलटफेर होने की संभावनाएं तेज हो गई हैं। उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) और उनके चाचा शरद पवार (Sharad Pawar) के बीच लंबे समय से चल रही खींचतान अब खत्म हो सकती है। NCP के दोनों धड़ों के नेताओं की ओर से मिलते-जुलते बयान सामने आने के बाद यह चर्चा और जोर पकड़ रही है।
अजित पवार ने अलग किया था रास्ता
जून 2023 में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से अलग राह चुनी थी। उन्होंने NCP के 40 विधायकों के साथ शरद पवार से अलग होकर भारतीय जनता पार्टी (Bhajpa) और शिवसेना के साथ महायुति सरकार का हिस्सा बनकर उपमुख्यमंत्री पद संभाला।

विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन
नवंबर 2024 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में NCP (शरद पवार) को बड़ा झटका लगा। 86 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद पार्टी सिर्फ 10 सीटें जीतने में सफल रही। वहीं, NCP (अजित पवार) ने 36 सीटों पर शरद पवार गुट के खिलाफ चुनाव लड़ा और 29 सीटें जीतीं, जिनमें पवार परिवार का गढ़ बारामती भी शामिल था।
नेताओं के बयान से बदले हालात
NCP (अजित पवार) के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने हाल ही में दोनों गुटों के एक होने की संभावनाओं को बल दिया है। उन्होंने कहा, “शरद पवार हमारे लिए भगवान जैसे हैं। अगर पवार परिवार फिर से एकजुट होता है, तो यह हमारे लिए गर्व की बात होगी।”
भाजपा ने जताई सहमति
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने भी इस संभावित मेलजोल पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “अगर दोनों पवार एक साथ आ रहे हैं, तो भाजपा को इसमें कोई आपत्ति नहीं है। यह फैसला उन्हें ही करना है।”
क्या है आगे की तैयारी?
राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि पवार परिवार के बीच सुलह के संकेतों से महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव हो सकता है। हालांकि, दोनों गुटों के भविष्य को लेकर अभी स्पष्टता नहीं है, लेकिन इन बयानों ने राज्य की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है।
क्या यह सुलह महाराष्ट्र की राजनीति का नया अध्याय लिखेगी, यह देखने वाली बात होगी।