छतरपुर, पलामू (झारखण्ड)
विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पर्यावरण धर्मगुरु डॉ. कौशल किशोर जायसवाल एवं उनके पुत्र व छतरपुर पूर्वी के जिला पार्षद अमित कुमार जायसवाल ने मानवता और पर्यावरण संरक्षण का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए चिरू पंचायत के स्व. बुधन यादव और चराई पंचायत के स्व. बिहारी राम के श्राद्धकर्म में शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि स्वरूप उन्होंने थाईलैंड प्रजाति के बारहमासी आम और कटहल के पौधे लगाए।

डॉ. कौशल ने कहा, “श्राद्ध में दान के साथ पौधारोपण करना मृतक आत्मा को सच्ची शांति प्रदान करता है।” उन्होंने श्राद्धकर्म में उपस्थित लोगों को पर्यावरण धर्म के आठ मूल मंत्रों की शपथ दिलाई और पौधारोपण के महत्व पर बल दिया।
अनाथ बच्चों को लिया गोद
श्राद्ध में शामिल होने पर जानकारी मिली कि स्व. बिहारी राम की धर्मपत्नी लक्ष्मी देवी की भी तीन वर्ष पहले असामयिक मृत्यु हो चुकी है। उन्होंने अपने पीछे सात वर्षीय पुत्री रेशमा और आठ वर्षीय पुत्र सत्यम को अनाथ छोड़ दिया। इन बच्चों की दुर्दशा को देखते हुए डॉ. कौशल और अमित जायसवाल ने पर्यावरण धर्म के दूसरे मूल मंत्र के तहत उनकी शिक्षा से लेकर शादी तक की जिम्मेदारी उठाने का संकल्प लिया।
डॉ. कौशल ने कहा, “गरीबों और अनाथ बच्चों की सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है। पर्यावरण धर्म का उद्देश्य वन, पौधों, अनाथ बच्चों और गरीबों की रक्षा करना है।”
मौके पर लोगों की उपस्थिति
श्राद्धकर्म में स्व. बिहारी राम के पिता रामनाथ राम, भाई अजय राम, शंकर राम, उमेश राम, और अन्य परिजनों के साथ डाली बाजार पंचायत के उप मुखिया अफजाल अंसारी, हेनहे निवासी स्व. बुधन यादव के पुत्र रामकेश यादव सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।
डॉ. कौशल और अमित द्वारा किया गया यह कार्य न केवल मानवता का प्रतीक है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और समाज सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।